Skip to main content

शिक्षक एक वरदान

शिक्षक समाज का वरदान ज्ञान का अक्षयपात्र 

शिक्षक सभ्य सुसंस्कृत समाज निर्माता

शिक्षा को ना व्यापार बनाओ संस्कारों की पहचान

 शिक्षा सक्षमता का आधार 

शिक्षा से पहचान बनाओ जग में ऊंचा नाम बनाओ 

शिक्षक का करो सम्मान शिक्षक शिष्य का भगवान । 

 
संग अपने ज्ञान का दीपक हर पल रखता।
शिक्षाओं से भटके हुओं का मार्गदर्शन करता।।

शिक्षक एक वरदान देकर विद्यार्थियों को ज्ञान ।
विषय विशेष का दीप जलाता रहस्यों को सुलझाता ।।

विषय विशेष का अद्भुत ज्ञान अभ्यास 
कसौटी परखता शिक्षक रचता नूतन आयाम।।

शिक्षक अमृत कलश अक्षय सम्पदा 
जिसने जितना खोजा, रहस्य ज्ञान वो पाया।।

 नींव सभ्यता की शिक्षक, पथ-प्रदर्शक    

 उजियारा वर्तमान समाज का दर्पण भविष्य का 

शिक्षक पद सर्वोच्च, सर्वोपरि शिक्षक सदैव पूजनीय 

शिक्षक सभ्य ,सुसंस्कृत समाज निर्माता शिक्षक स्थान सर्वोच्च,एवं सर्वोत्तम शिक्षक ज्ञान का दीपक लेकर चलता 

 मन में छिपे अंधकार को दूर भगाता भटके जो कोई शुभ संस्कारों के बीज डालकर अच्छे -बुरे की पहचान कराता 

शिक्षक तराशता ज्ञान की कसौटी पर तब निखर कर सभ्यता की अनूठी मिसालें तैयार होती अंतरिक्ष में उड़ाने भरती अविष्कारों की नयी-नयी तारीखें लिखीं जाती।

  

Comments

Popular posts from this blog

प्रेम जगत की रीत है

 निसर्ग के लावण्य पर, व्योम की मंत्रमुग्धता श्रृंगार रस से पूरित ,अम्बर और धरा  दिवाकर की रश्मियां और तारामंडल की प्रभा  धरा के श्रृंगार में समृद्ध मंजरी सहज चारूता प्रेम जगत की रीत है, प्रेम मधुर संगीत है  सात सुरों के राग पर प्रेम गाता गीत है प्रेम के अमृत कलश से सृष्टि का निर्माण हुआ  श्रृंगार के दिव्य रस से प्रकृति ने अद्भूत रुप धरा भाव भीतर जगत में प्रेम का अमृत भरा प्रेम से सृष्टि रची है, प्रेम से जग चल रहा प्रेम बिन कल्पना ना,सृष्टि के संचार की  प्रेम ने हमको रचा है, प्रेम में हैं सब यहां  प्रेम की हम सब हैं मूरत प्रेम में हम सब पले  प्रेम के व्यवहार से, जगत रोशन हो रहा प्रेम के सागर में गागर भर-भर जगत है चल रहा प्रेम के रुप अनेक,प्रेम में श्रृंगार का  महत्व है सबसे बड़ा - श्रृंगार ही सौन्दर्य है -  सौन्दर्य पर हर कोई फिदा - - नयन कमल,  मचलती झील, अधर गुलाब अमृत रस बरसे  उलझती जुल्फें, मानों काली घटायें, पतली करघनी  मानों विचरती हों अप्सराएँ...  उफ्फ यह अदायें दिल को रिझायें  प्रेम का ना अंत है प्रेम तो अन...

पल-पल

पल-पल बीत रहा है हर पल  घड़ी की सुईयों की कट-टक  इंतजार में हूं उस बेहतरीन पल के  जिसमें खुशियाँ देगीं दस्तक - -    एक पल ने कहा रुक जा, ऐ पल,  उस पल ने कहा कैसे रुक जाऊं  अब आयेगा  दूसरा पल।  जिस पल में जीवन की सुंदरता का हो एहसास  बस वही है प्यारा पल।   ऐ पल तू ठहर जा, पल में बन जायेगा तू अगला पल, जाने कैसा होगा अगला पल,आज का पल है  बेहतरीन पल, जी भर जी लूं यह पल, कह रहा है मन चंचल-चपल । पल की  कीमत पल ही जाने,  बीत जाने पर हो जाना है हर पल बीता कल।  पल -पल कीमती है, प्रयासों की मचा दो हलचल, जाने कब गुजर जाये यह पल, बन जाये अगला पल।   हर पल को बना दो, बेहतरीन पल फिर लौटकर नहीं आयेगा यह पल।  पल की कीमत पल ही जाने, नहीं ठहरता कोई भी पल,बन जाता है अगला पल। पल -पल बीत रहा है, कह रहे हो जिसे अगला पल उस पल में निकाल लेना जरूरी प्रश्नों के हल।    यह पल भी होगा कल, फिर अगला पल  समय नहीं लगेगा, हर पल को बीतते।  वर्तमान पल को बना दो स्वर्णिम पल  कल का पता नहीं, कब हो जाये फिर अगला ...

भव्य भारत

 भारत वर्ष की विजय पताका सभ्यता संस्कृति.               की अद्भुत गाथा ।       भारतवर्ष देश हमारा ... भा से भाता र से रमणीय त से तन्मय हो जाता,       जब-जब भारत के गुणगान मैं गाता । देश हमारा नाम है भारत,यहां बसती है उच्च       संस्कृति की विरासत । वेद,उपनिषद,सांख्यशास्त्र, अर्थशास्त्र के विद्वान।           ज्ञाता । देश मेरे भारत का है दिव्यता से प्राचीनतम नाता । हिन्दुस्तान देश हमारा सोने की चिङिया कहलाता।  भा से भव्य,र से रमणीय त से तन्मय भारत का।             स्वर्णिम इतिहास बताता । सरल स्वभाव मीठी वाणी .आध्यात्मिकता के गूंजते शंखनाद यहां ,अनेकता में एकता का प्रतीक  भारत मेरा देश विश्व विधाता । विभिन्न रंगों के मोती हैं,फिर भी माला अपनी एक है । मेरे देश का अद्भुत वर्णन ,मेरी भारत माँ का मस्तक हिमालय के ताज सुशोभित । सरिताओं में बहता अमृत यहाँ,,जड़ी -बूटियों संजिवनियों का आलय। प्रकृति के अद्भुत श्रृंगार से सुशोभित ...