प्रकृति का वसुन्धरा को इजहार ए मोहब्बत का तोहफा ए खास. ...
एक दिन गुलाब देकर..
मोहब्बत का इजहार करने वाले मजनूओं .
स्वीकार करेगें मोहब्बत तुम्हारी तब ही ..
जो वादा करो ,कि बागों के सारे गुलाबों का
बागवान बन हरपल संरक्षण करोगे ..
गुलाबों की इत्र से महकेगी बगिया सारी
हर एक गुलाब का दिल से सम्मान करोगे .
महकते रहेगें बागवान गुलाबों के इत्र से
बगीचों की शान है इन्हीं सुकोमल पुष्पों
की बागवानी से मोहब्बत ए इजहार ..है संरक्षण इनका
Wah
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