मन को साधा हुआ उपवास
वाणी का संयम मानों बजे सुन्दर साज
ह्रदय मनन चिंतन शब्द मौन व्यक्तित्व कहे व्यवहार
उपवास की परम्परा अति उत्तम
जप-तप नियम और संयम
स्वच्छ तन स्वच्छ वस्त्र
सात्विक भोजन ..सूक्ष्म आहार
फल रसायन अनुसार व्यवहार
उपवास दिवस पूजा अर्चना
साधे इष्टदेव मन हर्षित दिव्य अराधना
उपवास मात्र नहीं अल्पाहार
यथा सम्भव मन भी कर निर्मल
बाहर कर छल- कपट निंदा हठ क्रोध इर्ष्या
वाणी का संयम अति उत्तम
वाणी की महिमा वीणा के तार
साजो तार मधुर झंकार
मन रख शुभ भावना कर परोपकार...
स्वच्छ तन निर्मल मन वाणी सरल स्वभाव
उचित उपवास का आधार ...
वाह बहुत सुंदर। बिलकुल सही लिखा है आपने।
ReplyDeleteउपवास मात्र नहीं अल्पाहार
ReplyDeleteवाणी का संयम अति उत्तम
वाणी की महिमा वीणा के तार
साजो तार मधुर झंकार
.. बहुत सही लिखा है आपने
जी कविता जी उपवास की महिमा आपार...
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