शिक्षक बस एक हरि है
शिष्य हम सब जगत प्रभु के दास
पल- पल प्रभु की सुनते रहें
भजते रहें ,हरिनाम
फल की प्राप्ति की चाह नहीं
यथासमय अंकुरित होगें फल
रखना मन विश्वास
सेवा भाव से कर तपस्या
चाहे पूर्णमा आये या अमावस्या
कभी ना होगा ह्रास
शिक्षक ज्ञान दिव्य दे रहा
बांट रहे दिन- रात ...
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