दृष्टिकोण बदला
दृष्टि बदली सृष्टि बदली
लोगों ने कहा सृष्टि बदली
सृष्टि तो जैसे थी वैसे ही रही
बदला तो व्यवहार बदला .आचरण और
संस्कार रहे हैं .. बदल वृष्टि रही है
स्वार्थ की अंधी दौङ में भागते कहते हैं
धरती डोल रही है ...दुनियां झूठ बोल रही है
बदल नजर रही है ..
दृष्टि बदली सृष्टि बदली ..
Comments
Post a Comment