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हे कृष्ण तुमको फिर आना होगा


हे कृष्ण, तुमको फिर आना होगा 

हे कृष्ण जो ना आये तुम द्रोपदीयां 

फिर निर्वस्त्र की जा रहीं

दुर्योधनों की भरमार है ,कौरवों का 

बेअंत अत्याचार  है 

दुशासनों का अंत करो ,

मूक बधिर गुरु श्रेष्ठ शब्द मौन 

यह कैसी हाहाकार  है..

राक्षसों का भयावह संसार  है

मधुकैटव सक्रिय हो रहे, 

रक्त बीज का अत्याचार है

मणियों की लज्जा अपमानित  

द्रोपदीयो को फिर निर्वस्त्र किया जा रहा 

मणियों का चीर हरण हो रहा 

हे कृष्ण अब भी जो तुम ना आये 

कलयुग का हाहाकार हलाहल हो जायेगा 

काल धरा को निगल जायेगा ..

हे कृष्ण अब फिर समय आ गया  

मणियों की लाज बचा लो तुम मणिपुर का अस्तित्व तुमसे है..अप्रासंगिक जीवों 

को बाहर  निकालो तुम 

हो जाने दो एक बार  फिर  महाभारत  

आर्त भाव से यही पुकार 

भारत की भुजायें समभालो तुम 

भारत की कन्याऐं भारत की मणियां 

सब तुम से ही सुरक्षित 

*हे कृष्ण, फिर अवतरित हो जाओ तुम  

हे कृष्ण फिर धरती पर आ जाओ तुम  

द्रोपदीयों की लाज बचाओ तुम  ....

गीता का महाज्ञान सुनाओं तुम 

भारत की मणियां सम्भालो तुम  ...

हे कृष्ण फिर अवतरित हो धरा पर आओ तुम

नाम- ऋतु असूजा 

ऋषिकेश उत्तराखंड



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