परिवर्तन से काहे डरे ,आगे बढने को प्रयास ।
नव कदम आगे बङे ..होगा नये का आगाज ।।
कुछ कर गुजरने को जो आगे बढा है ,होगा नये को जन्म ।
पतझङ पुराने पत्ते झङे ,होवे नव पल्लव का नव बंसत ।।
परिवर्तन जीवन का चक्र है ,प्रगति जग की यह रीत.।
परिवर्तन से कर लो प्रीत..सही दिशा होवे जग जीत ।।
परिवर्तन का इतना परिचय ,नयी सोच को जन्म ।
नयी सोच नयी आशा, नूतन ढंग लिखे परिवर्तन की परिभाषा ।।
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