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हंस लिया करो जब मन करे 🤣


यूं ही बेवजह मुस्कराया करो 
माहौल को खुशनुमा बनाया करो 
हंसना नहीं आता तुम्हें
थोड़ा तमीज से हंसा करो
जहां दखो वहाँ दांत दिखा कर हंसने लगती हो 
अरे भई! हंसना तो हंसना
होता है, उसमें कैसी तमीज.. 
यह तो देख लिया करो 
कहाँ हंस रही हो..! 
यह तुम्हारा घर नहीं है.. 
घर पर.. कौन सा हंसने 
का समय मिलता.. काम व्यस्तता 
फिर बचे-हुये समय में आराम.. 
हंसना तो मन की प्रसन्नता से आता है 
किसी बात से मन खुश हुआ तो हंस लिया
अब मन की प्रसन्नता पर हंसी के फूल खिलना चाहते हैं 
तो उन्हें खिलने दो.. हां किसी का मजाक बनाकर हंसना 
गलत है... हंसने से खुश रहने से साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है... एक को हंसता देख दूसरा भी हंसने लगता है 
हंसना तो अच्छा ही हुआ ना - - 
खिलते फूलों को देखकर सबको प्रसन्नता होती है... 
हंसों भई! जब मन करे जी भरकर हंस लिया करो 
वैसे भी आजकल हर काम पर आधुनिकता का पैबंद लग रहा है.. हंस लो जी भर... महफिलों में ठहाके नहीं लगाये जाते.. 




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