ऋषिकेश स्वयं एक विरासत है, समाज, एवं समस्त देश के लिए.. परमात्मा द्वारा प्रदत प्राकृतिक सौन्दर्य की अद्भुत,अतुलनीय, आलौकिक दिव्यता ।।
ऋषिकेश को अध्यात्म एवं योग का आशीर्वाद प्राप्त है।
ऋषिकेश में अध्यात्म के संग आधुनिकता भी अपनी भरपूर उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।
ऋषिकेश का सौन्दर्य, प्राकृतिक खुबसूरती सबको अपनी ओर आकर्षित करती है।
हर उम्र का इंसान यहां आकर मन की प्रसन्नता को प्राप्त कर आनन्द को प्राप्त करता है।
ऋषिकेश घूमने आयें, आप सब का स्वागत है।
परन्तु आप सबसे एक प्रार्थना है कि, ऋषिकेश या किसी भी अन्य प्राकृतिक, सौंदर्य के धनी क्षेत्र में आप घूमने जाते हैं तो, आप वहाँ जाकर गंदगी ना फैलायें, वहां के प्राकृतिक सौन्दर्य से छेड़छाड़ ना करें.. अगर आप वास्तव में इस प्रकृति से प्यार करते हैं..
और बार-बार पहाड़ी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थलों पर घूमने आना चाहते है तो अगली बार के लिए इन्हें सुरक्षित रखें।।।।
प्राकृतिक सौंदर्य समस्त मानव जाति की धरोहर है मान है, प्रतिष्ठा है.. अपनी धरोहर का संरक्षण करना हम सबका कर्तव्य है, कृपया इन्हें सम्भाल कर रखिये।
ऋषिकेश एक अध्यात्म नगरी है , यहां मां गंगा कु पवित्र जलधारा जन-जन का जीवन पवित्र कर रही है।
यहां देवों के देव महादेव का वास नीलकंठ के अवतार में है।
ऊंची पहाड़ीयों में बद्रीनाथ, विष्णु अवतार एवं केदारनाथ शिव भगवान के दिव्य मंदिर भी यहीं स्थित हैं।
भगवान का आशीर्वाद तो सब पाना चाहते हैं, और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करना चाहते हैं.. प्रत्येक मनुष्य जीवन में सुख-समृद्धि पाना चाहता है।
प्रत्येक वर्ष लाखों भक्त भगवान का आशीर्वाद लेने इन तीर्थ स्थलों पर आते हैं.. जो की एक अच्छी बात है.. जिससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है.. और भक्त लोग अनेकों सुविधाओं का उपयोग करते हुये,, भगवान का आशीर्वाद और प्रकृति का आनन्द लेते हैं।
भक्तों का उत्तराखंड की भूमि पर स्वागत है, लेकिन साथ ही साथ अनुरोध है... आपके घर परिवार की तरह यह धरती भी आप ही की धरोहर है.. यह प्रकृति आप सब की वसीयत कृपया इसे संभाल कर रखिये.. आप सब अपनी अमानत को.. यहां आकर गंदगी ना मचायें.. यहां की चीजों को क्षतिग्रस्त ना करें...
हर जगह की अपनी मर्यादा होती है.. उस मर्यादा का ध्यान रखें.. तीर्थ स्थलों पर वहां की मर्यादा के विपरीत व्यवहार ना कीजिए... मौज मस्ती करने के लिए अन्य कई जगहें हैं.. वहां जाकर मनोरंजन किजिए.. कई जगह पार्टी हाल क्लब इत्यादि हैं आप वहाँ जाकर मनमाना व्यवहार कीजिये.. किन्तु तीर्थस्थलों की मर्यादा का सम्मान किजिए.. तभी आप सब लोगों को शुभ लाभ प्राप्त होगा।
Comments
Post a Comment