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उत्तराखण्ड एक ब्रह्मांड


उत्तराखण्ड ब्रह्मांड का अंश है।
 यूं तो समस्त पृथ्वी ही ब्रह्मांड का अंश है..
किन्तु उत्तराखण्ड में आज भी देवत्व बचा हुआ है। 
तभी तो उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है। 
देव भूमि यानि दिव्य शक्तियों की अनुभूति। 
हिमालय की ऊंची चोटियों में शिव का वास है। 
समस्त संसार को जहरीले विष के जहर से बचाने के लिए विष को अपने कंठ में धारण कर शिव का कंठ नील वर्ण का हो गया था.. उन्हीं नीलकंठ महादेव का दिव्य मंदिर ऋषिकेश में ही है। 
श्री विष्णु भगवान की दिव्य तपस्थली बद्रीनाथ भी उत्तराखण्ड की ऊंची चोटियों में ही स्थित है..
ऋषिकेश से श्रीनगर कर्णप्रयाग , रूद्रप्रयाग, तीन नदियों का  महासंगम अलखनंदा,भागीरथी एवं सरस्वती.. जो मैदानी स्थलों पर जाकर  पतित पानी मां गंगा के नाम से समस्त मानव जाति का कल्याण करती है। 
केदारनाथ धाम.. कहते हैं पाण्डवों ने इस मंदिर की  स्थापना की थी। भगवान शिव कलयुग में भक्तों का उद्धार करने के लिए अपना आशीर्वाद दे रहें हैं। 

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