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ज्ञानदेवी माँ शारदा इत्यस्याः आशीर्वादेन, बुद्धि-  प्रज्ञा-दात्री भगवान् गणेशस्य च प्रेरणा सह   समाजाय शुभ-सकारात्मक-विचारान् समर्पयामि...  ये समाजस्य मार्गदर्शने सहायकाः भविष्यन्ति" 

ज्ञानदेवी माँ शारदा इत्यस्याः आशीर्वादेन,  भगवान् गणेशस्य च प्रेरणाशुभ-सकारात्मक-विचारान्  ये समाजस्य मार्गदर्शने सहायकाः भविष्यन्ति" 

आगे बढने की जिद्द हो... कुछ बेहतर कर दिखाने का जूनून हो तो... रास्ते मंजिल खुद ब खुद ढूंढ लेते हैं... भला नदिया के बहते पानी को कौन रोक पाया है.... अगर बांध भी बना दिया जाये तो, वो विद्युत  पैदा करने लगता  है... यानि आप में काबिलियत है, और आप प्रयास करते हैं तो निसंदेह सफलता जरूर मिलेगी। 

यानि आपके अंदर काबिलियत है, कुछ कर दिखाने का जूनून हो तो.. आपका हूनर बोलेगा.... 

बचपन से मुझे प्रकृति का सामिप्य मिला... जन्म से लेकर मेरी शिक्षा पहाड़ों की रानी मसूरी हुई... ऊंची-ऊंची पर्वत शिखाएं. हिमालय की गोद में बसा यह बहुत ही रमणीय है... शीतल, स्वच्छ, शुद्ध हवा तन और मन दोनों को आनन्दित कर जाती है।


(2)   सफर की तैयारी 

 स्कूली शिक्षा के दौरान, महान लेखकों कवियों की जीवनी उनकी रचनाएं पड़ते समय मन में भाव उठते.... यूं तो छोटा मुंह बड़ी बात होगी ... मैं भी कभी कुछ ऐसा लिखूं.दिल कहता.. 

मन के भाव निरंतर मुझे प्रेरित करते... लिखने को.... 

मां शारदे की कृपा से कई प्रयास किये... यदाकदा जब मौका मिलता लिखने को प्रयासरत रहती सर्वप्रथम मैंने लोकल अखबार के लिए एक लेख लिखा जिसे सराहना मिली... फिर तो मानों विचारों को पंख लग गये... 

  मेरे लिखने के शौंक को देखते हुए... मेरे मित्र द्वारा इंटरनेट पर ब्लाग बना दिया गया... अब तो जब मन में भाव आते बस लिखना... लिखना और लिखना... आज मेरे ब्लाग पर 500 से अधिक कविताएं और कहानियां हैं। 

आश्चर्य तो तब हुआ जब प्राचीडिचिल द्वारा Best blogger award मिला... 

मैने दस से ऊपर साझा संकलन में मेरे द्वारा लिखित रचनाएं प्रकाशित हैं ... 

मेरी दो एकल किताबें प्रकाशित.. (1)नाम "ऋषिकेश की विरासत"  (2) "साकारात्मक विचारों की सम्पत्ति". 


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पल-पल

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