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स्वर्णिम वसुंधरा

स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना एक लेखक की ईबादत होती है.. हर तरफ खूबसूरत देखने की एक लेखक की आदत होती है.. समाज में फैल रहे अत्याचार, हिंसा वैमनस्य की भावना देख एक लेखक की आत्मा जब रोती है तब एक लेखक की लेखनी तलवार बनकर चलती है और समाज मे फैल रहे वैमनस्य की भावना का अंत करने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करती है.. लिखने को तो लेखक की लेखनी लिखती है, किन्तु एक अदृश्य शक्ति उसको प्रेरित करती है। 

 अपने लिये तो सभी जीतें हैं हैं,

जीवन वह सफल है जो औरों के जीने के लिए 

जिया जाये। 

यूं तो मैंने बहुत कुछ लिखा है.. इंटरनेट पर मेरा अपना ब्लाग है, जिस पर लेखन कार्य निरंतर चलता रहता है। 

मैंने बहुत से साझा संकलन एवं एकल संकलन भी  लिखे। हैं । 

मेरे लिखने का उद्देश्य समाज को शुभभावनाओं से भरपूर करना है। शुभ साकारात्मक आत्मविश्वास से भरपूर संदेश देना है.. मेरे लिखने से किसी एक जीवन में भी साकारात्मक परिवर्तन आता है तो मेरा लिखना सफल है। 



ऋषिकेश एक अध्यात्म नगरी है, प्रकृति यहां गीत गुनगुनानाती है... मां गंगा की पवित्र अमृतमयी जलधारा जीवन पवित्र करती है... जिस ऋषिकेश ने मुझे इतना कुछ दिया, उसे सम्मान स्वरूप अपने शुभ, साकारात्मक, आत्मविश्वास से भरपूर विचारों के रूप में यह पुस्तक भेंट करना चाहती हूं, जिसका शीर्षक मैंने *ऋषिकेश की विरासत*रखा है... जो आने वाले समाज को और अभी जो समाज है उसको उत्तम राह दिखाने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। 





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