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Showing posts from September, 2025

कुछ मुलाकातें

 

पलटते पन्ने

       किताब के पन्ने           पलटते पन्ने      हर रोज एक नया पन्ना    जिन्दगी की किताब का      हर रोज एक नया पन्ना  नये दिन की शुरूआत का  सिलसिला शुरु होता है जज्बातों का  बनता है हर रोज एक नया खाता कर्मों का            लेखाजोखा । दिनचर्या की भागदौड़ आगे बढने की होड़  हर सुबह हर नयी भोर लिखना चाहती हूं कुछ ,लिख देती हूं कुछ  कभी-कभी परिस्थितयों देती हैं बेहद झकझोर  पिछले पन्नों की लिखावट पर जब करती हूं गौर आत्म ग्लानि से जाती हूं भर  पिछले पन्नों की लिखावट में कितनी सौम्यता थी  विचारों में कितनी सरलता थी सादगी थी  जैसे-जैसे आगे बढती गयी हो गयी कठोर  फिर सोचती हूं किताब का आरम्भ और अंत अच्छा हो तो  सब अच्छा हो जाता है  आरम्भ अच्छा था मध्य कांणा था  अब अंत को संवारना है  लौट कर घर भी वापिस जाना है  हिसाब किताब होगा जब वहां  अधिकतम अंको से उत्तीर्ण भी तो होना है 

शारदीय नवरात्रे

वातावरण में देवताओं के शंखनाद      शुभ मूहुर्त का आगाज         भेजी है  माता रानी ने खुशियों की सौगात । शारदीय नवदुर्गा का धरा पर आगमन     हर्षित हो झूमे नाचे गाये मन  बज रहे वीणा के तारों पर सरगम    दिन हैं शुभ,बगिया में खिल रही दूब       श्रृंगारित वसुन्धरा मन उपवन       सुगन्धित पुष्प, धूप आरती  दीप प्रज्वलित प्रत्येक देवालय घर आंगन   शारदीय नवरात्री की महिमा आपार   शक्तियों से शक्ति का लेकर अवतार   अवतरित धरा पर करने भक्तों का उद्धार ..

अक्सर दुआओं में कहता है ये मन

 अक्सर  दुआओं में कहता है यह मन  थोङा आप मुस्कराओ थोङा हम मुस्कराये   एक दूजे शुभचिंतक बन जाये  ऊपर वाले ने भेजा है देकर जीवन   फिर क्यों ना पुष्पों सा जीवन बिताएं हम  फलदार वृक्ष बन जायें हम नदियों का जल बन जायें हम ..  आंगन की शोभा बन बागों की रौनक बढायें हम  हवाओं में घुल- मिल सुगन्धित संसार कर जायें हम अक्सर दुआओं में मागता है यह मन  खुशियों से मालामाल रहे सबका जीवन   आप भी मुस्कराये हम भी मुस्करायें  बागों में फिर  से बहार  आये  जीने की अदा सबको सिखाये  बगीचों की शोभा बन हर एक के चेहरे  पर रौनक ले आये हम..परमपिता की दिव्य दृष्टि का प्रसाद निरंतर पाये हम  खुश रहें आप और हम  सफर पर हैं हम ना जाने कब जाना हो मगर   जब तक है जीवन कुछ जीवन जीने की  बातें कर लें आप और  हम  सफर में यादों के कैनवास पर बेहतरीन  सुन्दर आकर्षक चित्र  ही उतारें हम .. बेहतरीन यादों का कारवां तैयार  करें हम  अक्सर दुआओं में कहता है यह मन  थोङा आप मुस्कराओ ...

उम्मीद

 उम्मीद से हौसला बढता है,  हौसलों से साहस, साहस से  आत्मविश्वास जन्म लेता है ..  वही आत्मविश्वास असंभव को  सम्मभ करने की क्षमता रखता है।  छोटी-छोटी किरणों से मन में आशाओं के नये दीप जलते हैं  जग भले ही रोशन ना हो तत्काल  मन उम्मीद के नये उजालों से भर  जाते हैं .. उन उजालों की किरणों से,  जग रोशन हो जाता है।  एक उम्मीद ही तो है. जो चीटियों  को पहाड़ पर चढने को प्रेरित करती है  उस उम्मीद की किरणों से आशा का एक दीप  हौसलों का भव्य आसमान  तैयार करता है और फिर कहीं  जाकर आकाश में असंख्य  तारे जगमगाते हैं... अपने  अस्तित्व पर मुहर लगाते हैं।।।