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रहस्यमयी खजाना ,स्वर्णिम सम्पदा


*रहस्यमयी खजाने की चाबी है मेरे पास ..विश्वास हो तो रोज एक- एक कदम बढाना होगा मेरे साथ ....*
*सर्वप्रथम*...
1--आंखे बंद कर ध्यान करो
एक ऊँकार का ,अपने ईष्ट का ध्यान करो ..
2.. ऊंचे पहाड़ हों या गहरी खाई हमें सच्चाई का रास्ता ही अपनाना है .. किसी को तकलीक देकर आगे नहीं बढना है ..ईमानदारी से बुद्धि और विवेक का रास्ता अपनाना है .
3 , विवेक से कोई सुगम रास्ता मिले तो उसे अपनाने में कोई बुराई नहीं ...

4---.कुछ  पुराने ,कुछ अमिट निशान ,उनके पीछे कुछ  ना कुछ इतिहास  तो अवश्य  होता है ... सटीक ... कुछ  सिखाने की प्रेरणा देते हुये चिन्ह उनका अनुसरण अपने विवेकानुसार  अवश्य करें ...
5- माना की बाहर की तरफ आंखे खुलीं हैं... किन्तु भीतर के विवेक की सूझ-बूझ की आंखों से स्वयं को सतर्क करते रहना है। 

6- रोना किस बात का.. रोकर आप कुछ पल के लिए सहानुभूति पा लेगें.. और कुछ नहीं.. कोई आपके लिए कुछ नहीं कर सकता.. वो अपने लिये कर लें यह ही बहुत है..। 

7-मेरी परेशानियां बड़ी हैं, मेरे हिस्से में ही सारी रूकावटें आती  हैं.. बात - बात पर अपनी दुख तकलीफ को दर्शाना... आपकी कमजोर मानसिकता की निशानी है... 

8-  आप दया के पात्र बनना चाहते हैं.. बन जाइये बेचारे.. हारे किस्मत के मारे... क्या होगा झूठी हमदर्दी मिल जायेगी.. आपकी तकलीफ तो आपके स्वयं के दवा खाने से दूर होगी। 

9-जीवन में आगे बडने के लिए अपने परिवेश से बाहर निकलना होगा.. थोड़ा असहज होगा..परिस्थितियां परिवर्तन तो मांगती हैं। 

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लेखक

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