Skip to main content

Posts

Showing posts from February, 2023

अच्छा हुआ ..

अच्छा हुआ जरूरत  के समय  कोई  काम  नहीं आया  इसी बहाने  मैं मेरे रब के और करीब  आ गया .. मैं ही भटकता - फिरता था .. अपनों की तलाश  में ... जो अपना था वो पास था ..उसका एहसास  था  पर दिखाई नहीं देता था .. लेकिन  जो पास थे हर रोज हाथ  मिलाते थे  उनसे अपनापन ना मिला.. वो भी किसी ओर की तलाश में थे  . जमाने भर में सेवा का ढोंग  करते रहते हैं  जरूरत  होने पर अपनों के ही काम  नहीं आते .. सेवा में भी दिखावा..स्वयं की आंखों में पट्टी  बांधकर  दूसरों की आंखों में धूल झोंकना.. चलना हो साथ तो लाख बहाने बना देते हैं  कहने को दुनियाभर में खुशियां बांटते  फिरते हैं .. जिन्हें अपना कहते हैं उन से परायों सा बर्ताव  करते हैं ..  कोई  किसी का अपना नहीं सब अपना मतलब हल करते हैं .  सफर को पूरा करने की तलाश में सब अधूरे से  अधूरी राहों पर सफर करते हैं ..

ऊं नमः शिवाय

भोलेनाथ की महिमा आपार   जहर भला किसको है भाता  शिव को ना भांग धतूरा गांजा भाता  शिव ने सब विष पान किया  संसार पर उपकार  किया .. भाग ,धतूरा ,गांजा अफीम आदि जहरों का उत्पात वसुन्धरा पर फैला देता महाविनाश  भोलेनाथ की महिमा भारी कंठ धारण कर डाले जहरीले विष  विष का असर हुआ कंठ नीला ,ताप तन का चढ आया  प्रदान  शीतलता करने को गंगाजल , दुग्ध ,दही शहद भरपूर चढाया...   शिव में मन को एकीकार कर  भस्म  की रस्म को निभा दिया    मन को कर समर्पित  तन को शव समान किया  ऊं नमः शिवाय  ऊं नमः शिवाय   का जाप करते - करते मन का सब भ्रम मिटा  कण - कण में तब बस शिव बस शिव  है एसा मन को बोध हुआ ...

स्वावलंबन

Good morning to all respect personalities judes & my dear friends   देना है कुछ उपहार कुछ नायाब  मुझे इससे बेहतर  कुछ  ना समझ  आया ..उपहार  में शुभकामनाओं सहित  अपनी मुस्कान  दे रही हूं .. स्वीकार  है .. साधारण हूं, इसीलिए  असाधारण हूं ...साधारण  समझ हल्के में मत लेना.. भीतर  एक आग लिए  बैठी हूं मैं नदिया की बहती जलधारा हूं .. अपने ही हाथों लिखनी अपनी तकदीर  सुनहरी है  स्वयं का स्वयं पर विश्वास जरुरी है  चलो उठो .. स्वावलंबन की करो तैयारी ..  वक्त यही है, वक्त सही है . स्वयं की पहचान  स्वयं की रक्षा,  स्वयं का उत्तरदायित्व है ..अब लक्ष्य तुम्हारा स्वावलंबन का है बनना अमिट सितारा ... विद्योतमा हैं हम ,संघर्षरत हैं हम ,कर्मठ हैं हम अनुशासित हैं हम.. स्वावलंबन का गुण भी है हममें ..स्वावलंबी बनना हक है हमारा .. नारी कह कर.. ना- री ..बस अब और नहीं सुनना  ध्रुव, एकलव्य, प्रह्लाद आदि महापुरुष भी परवरिश हैं हमारी  प्रतिभा पाटिल ,दौपदी मुरमुर..ने स्वावलंबन से सच कर दी राज योग की कहान...

रहस्यमयी खजाना ,स्वर्णिम सम्पदा

*रहस्यमयी खजाने की चाबी है मेरे पास ..विश्वास हो तो रोज एक- एक कदम बढाना होगा मेरे साथ ....* *सर्वप्रथम*... 1--आंखे बंद कर ध्यान करो एक ऊँकार का ,अपने ईष्ट का ध्यान करो .. 2.. ऊंचे पहाड़ हों या गहरी खाई हमें सच्चाई का रास्ता ही अपनाना है .. किसी को तकलीक देकर आगे नहीं बढना है ..ईमानदारी से बुद्धि और विवेक का रास्ता अपनाना है . 3 , विवेक से कोई सुगम रास्ता मिले तो उसे अपनाने में कोई बुराई नहीं ... 4---.कुछ  पुराने ,कुछ अमिट निशान ,उनके पीछे कुछ  ना कुछ इतिहास  तो अवश्य  होता है ... सटीक ... कुछ  सिखाने की प्रेरणा देते हुये चिन्ह उनका अनुसरण अपने विवेकानुसार  अवश्य करें ... 5- माना की बाहर की तरफ आंखे खुलीं हैं... किन्तु भीतर के विवेक की सूझ-बूझ की आंखों से स्वयं को सतर्क करते रहना है।  6- रोना किस बात का.. रोकर आप कुछ पल के लिए सहानुभूति पा लेगें.. और कुछ नहीं.. कोई आपके लिए कुछ नहीं कर सकता.. वो अपने लिये कर लें यह ही बहुत है..।  7-मेरी परेशानियां बड़ी हैं, मेरे हिस्से में ही सारी रूकावटें आती  हैं.. बात - बात पर अपनी दुख तकलीफ को दर...

मोहब्बत से संसार

मोहब्बत के इजहार  की क्या खूब कहानी  बागवान की बागवानी  खाद- मिट्टी- पानी और  निगरानी  सूरज  की किरणों से पोषित सदाबहार राजरानी  समुंदर की लहरों में उठता उफान  है  चांद भी चांदनी पर मेहरबान  है .. मोहब्बत है तभी तो प्रकृति ने वसुन्धरा पर बसाया  पुष्पों का संसार  है ... पर्वतों से बहती झरनों की बेहद की धार है ..तालाबों  में कमलदल का प्यार  है ... प्रकृति का वसुन्धरा को मोहब्बत  का इकरार.  बागों में बहार... पुष्पा की मोहब्बत की हद का  सिलसिला बेहद की सीमाओं को करता पार .. खूबसूरती और  कोमलता का तालमेल  उस पर अपनी सुगंध  को वायुमंडल  में दिया फैला  पुष्पों का जीवन  हर - पल वसुंधरा को समर्पित   यही मोहब्बत  की निशानी  जीवन में खुशियां देकर ही  मोहब्बत  की लिखी हमने कहानी ... मोहब्बत से ही संसार  है  प्यार है ,इजहार है  मोहब्बत से ही जीवन  में जिन्दगी गुलजार  है  दिलों में बहार  है रिश्तों का संसार  है .. ...

मिठास

जब भी मीठे का मन करे  मीठा बोल लिया करो ... मीठी बोली में जो मिठास होती है वो दुनियां के किसी मीठे में नहीं .. मिठाई तो बस मुंह मीठा करती है .. मुंह में स्वाद का रस घोल देती हैं .. मीठी बातों की मिठास  कानों में भी रस घोल  चेहरे पर चमक ले आती हैं ह्रदय में प्रेम रस घोल देती है ... मिठास अगर जुबान में हौ तो मिठास का रस अपने पास है. कड़वाहट  मन में हो तो सब मीठे बेकार  हैं ..

गुलाबों से बहार है

गुलाब..सौंदर्य का गुल ..उस पर इत्र का आब प्रकृति का वसुन्धरा को  इजहार ए मोहब्बत का तोहफा ए खास. ... एक दिन गुलाब देकर.. मोहब्बत का इजहार करने वाले मजनूओं . स्वीकार करेगें मोहब्बत तुम्हारी तब ही .. जो वादा करो ,कि बागों के सारे गुलाबों का बागवान बन हरपल  संरक्षण करोगे .. गुलाबों की इत्र से महकेगी बगिया सारी  हर एक गुलाब का दिल से सम्मान  करोगे . महकते रहेगें बागवान गुलाबों के इत्र से  बगीचों की शान है इन्हीं सुकोमल पुष्पों  की बागवानी से मोहब्बत ए इजहार ..है संरक्षण इनका  

सुनहरी तितलियां

*खूबसूरती को खूबसूरती से आंखे चार  करते देखा  आकर्षक तितलियों को रंगीन पुष्पों से मधुरस पान  करते देखा ... कोमलता को सुकोमलता से लाड लङाते देखा  अप्सराओं रुपी तितलियों को पुष्प  वाटिका में विहार  करते देखा..  प्रकृति के रंगो को पुष्पों की कलाकृति में बसते देखा बला की खूबसूरत सुकोमल नन्हीं  परियों को मनभावन वातावरण में  कुछ पलों के जीवन को भरपूर जीते देखा  मैने सुनहरी तितलियों को पुष्प वाटिका में  श्रृंगार  करते देखा है .. आसमान  से उतरी परियां मानों  सुना रही थीं अपनी कहानीयां  धरा पर सब उन्हें कह रहे थे तितली रानीयां  रंग -बिरंगी सुनहरी चमकीली चित्रकार की अनुपम चित्रकारी का अद्भुत तालमेल सुन्दर, सुकोमल मनभावन .. स्वर्ग से उतरी अप्सराएं..मनभावन अदाएं  .. नयनों के केनवास  में कैद होती बला की खूबसूरती के हर पल  के चलचित्र  ..तितलियों तुम  कौन  जगत  से हो आती  फिर  कहां चली जाती ...तुम ही जीवन तो  जीने की कला सिखाती ...तुम्हरी छवि मन में बस जाती ... अगले फाल्गुन...

धर्म साकारात्मक ऊर्जा का संसार

शाश्वत सनातन  सभ्यता भारत की  अंतरिक्ष साक्षी हिन्दमहासागर हिन्दुस्तान  हिन्दुत्व  भारत  की शान   धर्म अनन्त अथाह आकाश की गूंज धर्म  को ना जातिवाद  में ढूंढ  धर्म  परस्पर प्रेम  का आधार  सच्चा धर्म  स्वयंमेव सिद्ध चमत्कार  सेवा,दया,निस्वार्थ प्रेम परोपकार   सत्य धर्म का आधार.  धर्म  साकारात्मक  उर्जा का संसार  धर्म ना जातिवाद  में बसता  धर्म ह्दय प्रेम की मिठास   धर्म ना कोई  चमत्कार धर्म  का ना बनाओ बाजार   धर्म है ह्रदय  प्रेम  रसधार  ...