*खूबसूरती को खूबसूरती से आंखे चार करते देखा
आकर्षक तितलियों को रंगीन पुष्पों से मधुरस पान
करते देखा ...
कोमलता को सुकोमलता से लाड लङाते देखा
अप्सराओं रुपी तितलियों को पुष्प
वाटिका में विहार करते देखा..
प्रकृति के रंगो को पुष्पों की कलाकृति में बसते देखा
बला की खूबसूरत सुकोमल नन्हीं
परियों को मनभावन वातावरण में
कुछ पलों के जीवन को भरपूर जीते देखा
मैने सुनहरी तितलियों को पुष्प वाटिका में
श्रृंगार करते देखा है ..
आसमान से उतरी परियां मानों
सुना रही थीं अपनी कहानीयां
धरा पर सब उन्हें कह रहे थे तितली रानीयां
रंग -बिरंगी सुनहरी चमकीली चित्रकार की अनुपम
चित्रकारी का अद्भुत तालमेल सुन्दर, सुकोमल मनभावन ..
स्वर्ग से उतरी अप्सराएं..मनभावन अदाएं ..
नयनों के केनवास में कैद होती बला की खूबसूरती के हर पल
के चलचित्र ..तितलियों तुम कौन जगत से हो आती
फिर कहां चली जाती ...तुम ही जीवन तो जीने की कला सिखाती ...तुम्हरी छवि मन में बस जाती ...
अगले फाल्गुन फिर से आना ..मनभावन अदाओं से वसुन्धरा का श्रृंगार कर जाना ...
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