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बैसाखी की धूम

नाच रही खेतों में बालियां 

समीर नाचें मानों बजाती तालियां 

आज भंगङा पान नू जी करदा 

नाच गावन का जी करदा 

बैसाखी ने धूम मचाई 

वसुन्धरा हर्षायी 

कृषक मेहनत रंग लायी 

खेतों में फसल लहलहायी..

हरियाली फिर भर आयी ..

खालसा पंथ ने सिंह पहचान बनाई 


 


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