पावन मंदिर
पवित्र स्थल
मंदिर मन के अंदर
पवित्र चिंतन
वही पवित्रता मंदिर के अंदर
हम मंदिर जाते हैं
बहुत कुछ पाने के लिए
मन का सूकून ढूढने के लिए मैं भी मंदिर गया
श्रद्धा से दर पर शीश झुकाया
मन को लगा सब मिल गया
मन संतुष्ट भी हुआ परन्तु...
बस कमी यहीं रह गयी
परमात्मा के दर पर जाकर हम परमात्मा से
बहुत कुछ सांसारिक मांग लिया
अगर हम परमात्मा में अपना मन टिका
परमात्मा का साथ ही हमेशा के लिए मांग लें तो
फिर बार- बार कुछ मागने की जरुरत ही ना पढेगी
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