बिना उद्देश्य जीवन व्यर्थ है।
उद्देश्य ही जीवन का माध्यम है,
उद्देश्य से जीवन सुगम्य है।
उद्देश्य के रस ने जीवन में रस घोला
मन के सभी गुण दोष भीतर से बोला।
उद्देश्य जीवन को धारा प्रवाह देता है।
उद्देश्य ही जीवन का औचित्य बताता है।
विषय का चयन मनुष्य जीवन के चरित्र को दर्शाता,
विषय ही मनुष्य जीवन के अर्थ को बतलाता।
शुभ विषय मनुष्य जीवन का उद्धार करता
अशुभ विषय वहीं पाताल की ओर धकेलता।
शुभ विषय मनुष्य को सही राह दिखाता
दुविधाओं से लड़ आगे बढ़ने की राह दिखाता।
किस मनुष्य ने किस विषय का चयन किया
उसके चरित्र का दर्पण बोलता. फिर दर्पण ही
जीवन के सच के रहस्य खोलता।
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